Imperative Sentence - आदेशात्मक वाक्य - An Overview
A sentence that either makes a request to someone or gives order or advice or expresses a desire is called an imperative sentence.
वाक्य जो या तो किसी से अनुरोध करता है या आदेश या सलाह देता है या एक इच्छा व्यक्त करता है उसे आदेशात्मक वाक्य कहा जाता है।
आदेशात्मक वाक्य उन वाक्यों से अलग है जो एक कथन का (निश्चयात्मक वाक्य) वर्णन करते हैं, मजबूत भावना (विस्मयादिबोधक वाक्य) व्यक्त करते हैं, या एक प्रश्न (प्रश्नवाचक वाक्य) पूछते हैं। आम तौर पर, आदेशात्मक वाक्य छोटे और सरल होते हैं, लेकिन यह बड़े़ और जटिल भी हो सकते है।
Imperative sentences are different from sentences that describe a statement (declarative sentence), express strong feeling
(exclamatory sentence), or ask a question (interrogative sentence). Normally, imperative sentences are short and simple,
but they can be long, compound or complex sentences as well.
आदेशात्मक वाक्य सब्जेक्ट का नाम लिये बगैर संबोधित करते हैं इसलिये सब्जेक्ट इनमें नही होता है। आदेश या प्रार्थना की तीव्रता के अधार पर exclamation sign (!) ऑर फुल स्टॉप ( .) लगाया जाता है।
Imperative sentences are addressed without naming the subject, hence subject is left out from the sentence. Depending upon the strength of emotion of Imperative Sentence, exclamation sign (!) or Full stop (.) is applied at the end of it.
Rule of Imperative Sentence
Type of Sentence | Rule |
---|---|
Positive | Verb (Ist Form) + Object (If Sentence requires it). |
Negative | Do Not + Verb (Ist Form) + Object (If Sentence requires it). |
आदेशात्मक वाक्य में सब्जेक्ट सायलेंट होता है तथा Verb की first form और ऑब्जेक्ट का इस्तेमाल होता है। यदि वाक्य में Object की जरूरत ना हो तो केवल Verb से ही आदेशात्मक वाक्य बन जाता है
जैसे - रूको!, बातें मत करो!
इसके Negative वाक्य में 'Do Not' को वाक्य के आरंभ में लगाते हैं।
In Imperative Sentence, the subject remains silent, and the first form of Verb and Object is used. When a sentence
does not require an Object, only Verb can form the Imperative Sentence, e.g. Stop!, Don't talk!
In Negative Imperative Sentence 'Do Not' is used at the beginning of the sentence.
जब किसी को request करनी हो तो वाक्य के आरंभ या अन्त में 'Please' का प्रयोग करें। जब किसी तो इज्जत या नम्रता से बात कहनी हो तो वाक्य के आरंभ में 'Kindly' का प्रयोग करें।
When you are to make a request, 'Please' is used in the beginning or at the end of the sentence. When respect is
to be given to the addressee, please use 'Kindly' at the beginning of the sentence.
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